Saturday, November 26, 2011

mere mahulle

मेरे शहर में बसने वाले वो महुल्ले गुम गए शायद,

जहा पर बैठ हम घंटो तलक बतीयाया करते थे,
जहा एक घर के पकवानों को मिलके खाया करते थे !!!
गर्मियों की उन शामों में जब पानी के टेंकर से,
गली भर के घरों में पानी हम पहुचाया करते थे !!
महुल्ले की वो छोटी-बड़ी हर बात बंटती थी,
और हर बार पेंच में मेरी ही पतंग कटती थी.!!
जिन सड़कों पे मैंने साइकल सीखी थी गिर गिर कर,
वो इन कांक्रेट की सड़कों के नीचे दब गयी शायद !!
मेरे शहर में बसने वाले वो महुल्ले गुम गए शायद !!

सर्दियों में जलाकर सिगड़ियों को चाय पीना कुछ अलग था ,
और उन गर्मियों में.. छत में सोने का मज़ा भी कुछ अलग था!
अलग था सामने वाले चाचा का मेहेरबान होना,
फिर पेट्रोमेक्स वाली मलाई कुल्फी का स्वाद भी तो कुछ अलग था !!!
ये सोच कर वो स्वाद अब भी जुबाँ पे पसीच आता है,
मगर मेरा महुल्ला अब कही नज़र नहीं आता !!
वो सारे घर.. इन कांच की दीवारों के पीछे चुप गए शायद,
मेरे शहर में बसने वाले वो महुल्ले गुम गए शायद !!
...... गौरव

Wednesday, November 23, 2011

Nam Zindagi..!!!

समय की नाव पे सवार,
मौत की तरफ दौड़ती इस ज़िन्दगी में कुछ नमी सी है..,
कभी ये नमी याद बनकर ओस की तरह जम जाती है ..,
और हवा में घुल जाने से पहले छोड़ जाती है एक गोल निशाँ ....!!!!

कभी दिसम्बर की ठंडक में मुह से निकलती भाप है ये ..
और कभी कड़कती धुप में माथे से फिसलती पसीने की एक बूँद ...!!

कभी घना कोहरा बनके ये निगाह को अपाहिज करती ..
तो कभी काले बदल बनके बारिश की उम्मीद को जिंदा करती ....!!!

ये नाम क्यों है .. गर्म है .. लेकिन बेशर्म है ...
कभी हरी है नीली है पीली भी है ..लेकिन साली गीली है ..
छोटे बच्चे की नाक से बहती हुई ये मासूम है ..,
और कभी किसी की आँखों में जमी हुई पूरी एक कायनात ..!!!

Bathroom से ज़िन्दगी के टपकने की आवाज़ आ रही है शायद ....
इसे रोक देना चाहिए .. कही ये बह न जाये ..
क्युकी समय की नाव पे सवार ..
मौत की तरफ दौड़ती इस ज़िन्दगी में नमी ही तो है ....!!!!!!!!!!!

Jee.. le..!!!!

मेरे दोस्त एक सलाह मान.. जी ले...!!!
टाइम बहुत फास्ट है, दुनिया बहुत वास्ट है..,
चांस ये लास्ट है, वापस नहीं आना पास्ट है!!!
इसलिए छोड़ ये धर्म riligion , क्षेत्र region, कास्ट वास्ट,
और ये सलाह मान ... जी ले ..!!!!

मरना तो तय है, फिर काहेका भय है,
हरी हरी पत्तियां हैं, ठंडी हवा है,
छोटे छोटे बच्चे हैं, बारिश की बूँदें हैं .!!!
भाई आँखों का ढक्कन खोल और देख जीवन आनंदमय है...,
इसलिए कह रहा हूँ गुरु .. जी ले..!!!

ज़िन्दगी की कोई quantitiy नहीं होती,
पर वो मारा हुआ है जिसकी identity नहीं होती..,
भाई मीडिया की बकवास के ऊपर से देख दुनिया में सिर्फ obscenity नहीं होती..,
अरे प्यारे मान मेरी बात .. जी ले.!!